Thursday, November 27, 2008
SAWARKAR
सावरकर और गोडसे को आज जितनी गाली दी जा रही है, मुझे पुरा विश्वास है की आज के ३०० साल पहले जब औरंगजेब का समय था तो महाराणा प्रताप और शिवाजी को भी उसी तरह गाली दी जाती रही होगी. भारत का इतिहास पढने पर बहुत ही अफ़सोस के साथ यह स्वीकार करना परेगा की भारत दोगला आचरण करने वालो की अधिक संख्या वाला देश है और जो भी यहाँ का शासक रहा है वह प्रशासन से ज्यादा प्रशंसको पर निर्भर रहा है और उसे उतने अधिक प्रशंसक मिल भी जाते रहे है. आज ब्राह्मण और कसाई एक ही बराबर है तो शिवाजी कौन बनेगा.देश में सबसे ज्यादा गएँ तभी काटी गई जब देश में, बंगाल, बिहार,उप,म प आदि प्रदेशो में ब्रह्मिनो , कृष्ण के वंशजो,हिंदुत्वा की सरकार थी. गाँधी का नाम जपने वालो ने देश के कोने कोने में शराब की दुकाने खुलवा दी और शराब को स्तातास सिम्बल बना कर देशवासियो को शराबी और मांसाहारी बना दिया अब समलैंगिक भी बनने की तैयारी चल रही है इस परिस्थिति में अगर देश टूट जाए तो मुझे अफ़सोस तो जरुर होगा लेकिन आश्चारा नही. जरा गोर से देखिये तो जितने भी राजनातिक दल है वे ख़ुद में एक रजा के लिए है, उधर माओवादी पुरे रुरल भारत में बेखोफ शाशन कर रहे है पूर्वोत्तर और कश्मीर सिर्फ़ पैसे के लिए भारत में बने हुए है .२० लाख सैनिको वाली सरकार एक आदमी को फँसी नही का नही सकती कैसे गर्व करू मई अपने हिंदू होने पर या हिन्दुअस्तान पर ! दिन पर दिन मेरे साथ पढने वाले वोट के लिए आबादी रजा रहे है अपने ही देश में दोयम दर्जे का इंसान बनते जा रहे है कुछ लोग.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
gud thought i agree with ur views
Post a Comment