Monday, December 1, 2008

मुंबई की शुरुआत भी इसी बिहार से हुई थी जब सैकड़ों लोग नरसंहार दर नरसंहार मारे जा रहे थे। तब सारे करोड़पति बिहारी गाव को छोड़ कर पटना भाग गए की शहर सेफ है. उनके बच्चे एम् एन सी में मुंबई। इतना ही कहूंगा की हम लोगो को यह समझना होगा की २ रूप्या प्रति व्यक्ति प्रति माह का नक्सली चन्दा, अफीम गंजे का व्यापार, नकली नोटों का व्यापार, हर वह देशी पिस्टल जिसके मूल स्रोत पर पुलिस कभी प्रहार नही करती, हमारे पॉकेट में आने वाली हर काली चवन्नी, लाल बत्ती गाडियों का दुरूपयोग ------------- यह सब एक ही मुंबई क दानव के अलग-अलग अंग है।
अमिताभ बच्चन और लता मंगेश्कार को बिहार के नरसंहार और उप में आए दिन चलने वाली तद्तादाहत नही रुलाती। जब घर के बगल में यह सब दानव पहुंचे है तभी समझ आई है . पंजाब और हिमाचल, राजस्थान और गुजरात को छोड़ कर कोण सा राज्य है जहाँ ग्रामीण नक्सलियों के बंधक नही है ।
और एक बार फिर से कहू की मुझे मुंबई अटैक पर दुःख जरुर है लेकिन आश्चर्य नही। देशवासी वही भरेंगे ना जो करेंगे। वोट देते समय यही देशवासी भूल जायेंगे सब बातें और उसी बीजेपी और कांग्रेस में अपनी जात खोजेंगे।